ये धुंधले आशियाने कुछ कहते हैं
हम आज भी बीते हुए कल में रहते हैं
कुछ बातें अधूरी सी
वो शामें सिन्दूरी सी
यादों के शामियाने कुछ कहते हैं
जिंदगी की लौ तले
बुझ गए जो दिए
अपनी रौशनी की कहानी कहते हैं
रहती है कसक दिल में
कई मर्तवा जो उठे
वो खामोश अफ़साने कुछ कहते हैं
ये दूरियां ही सही
जो मजबूरियां ही रही
वो बेबसी के मंजर कुछ कहते हैं
ये जो तनहाइयां न हों
या फिर परछाइयां न हों
वो गहराते साये कुछ कहते हैं
ReplyDeleteरहती है कसक दिल में
कई मर्तवा जो उठे
वो खामोश अफ़साने कुछ कहते हैं
वाह बहुत सुंदर,
कुछ बातें अधूरी सी
ReplyDeleteकुछ शामें सिंदूरी सी
यादों के शमियाने कुह कहते हैं ...
बहुत खुबसूरत रचना बधाई ....
बेहतरीन
ReplyDeleteसादर
ReplyDeleteमंजूषा जी,
आपकी ये रचना बहुत कुछ कहती है.
मन के भाव को सुन्दर बिखेरा है।
बहुत बहुत बधाई
गहरे भाव मन को छूने में समर्थ हैं ...
ReplyDeleteबधाई !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - शुक्रवार 30/08/2013 को
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः9 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra
हार्दिक आभार ...darshan jangra जी.....
Deleteकुछ बातें अधूरी सी
ReplyDeleteवो शामें सिन्दूरी सी
यादों के शामियाने कुछ कहते हैं ...
यादों के बवंडर न अधूरी बातों को हर बार पूरा करने की कोशिश करते हैं ... अनजाने ओर नए मुकाम तक हर बार ले जाते हैं ... फिर लौट आते हैं दुबारा यादों में जीने के लिए ...
सजीव भाव ...
हार्दिक आभार ...यश वंत जी....
ReplyDeleteरहती है कसक दिल में
ReplyDeleteकई मर्तवा जो उठे
वो खामोश अफ़साने कुछ कहते हैं
.....interesting creation Manjusha ji !
उम्दा रचना और शब्द संयोजन के लिओये बधाई मंजूषा जी |
ReplyDelete"कुछ बातें अध्प्प्री सी ---------शामियाने कुछ कहते हैं |
भावपूर्ण पंक्ती
आशा
गहरे भाव की सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeletelatest postएक बार फिर आ जाओ कृष्ण।
यादों के शामियाने कुछ कहते हैं ...
ReplyDelete***
निश्चित ही!
Well expressed!
Regards,
ये दूरियां ही सही
ReplyDeleteजो मजबूरियां ही रही
वो बेबसी के मंजर कुछ कहते हैं
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ .
ज़िंदगी का हर पल कुछ न कुछ कहता है... बस उसे देखने सुनने और समझने की नज़र होनी चाहिए सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल पर आज की चर्चा मैं रह गया अकेला ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः003 में हम आपका सह्य दिल से स्वागत करते है। कृपया आप भी पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | सादर ....ललित चाहार
Deleteहर लफ्ज़ कुछ कहता है...
ReplyDeleteऔर हमने सुना उसका कहा....
सुन्दर!!!
अनु
लम्हे भर में ही पूरी तस्वीर हमारे सामने आ गई।
ReplyDeletePlease see:
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/entry/black_majic
यादों के शामियाने कुछ कहते हैं ...सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल पर आज की चर्चा मैं रह गया अकेला ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः003 में हम आपका सह्य दिल से स्वागत करते है। कृपया आप भी पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | सादर ....ललित चाहार
Deleteइस अफ़साने की हर बात कुछ कहती है ....:)
ReplyDeleteEk aur behatarin gazal ManjushaJi..Thank you for sharing with us..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteआपने लिखा....हमने पढ़ा....
और आप भी पढ़ें; ... मैं रह गया अकेला ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः003 हम आपका सह्य दिल से स्वागत करते है। कृपया आप भी पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | सादर ....ललित चाहार
सुन्दर भावों को ख़ूबसूरती से पिरोया गया है.
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