पड़ जाये रंग थोडा फीका नीले आसमान का
हो जाये मंद गति तेज चलती हवाओं की
थोडा समंदर भी सूख जाये
एक टुकड़ा चाँद का भी टूट जाये
जब मेरी जिंदगी मुझ से रूठ जाये
ये दीवारें बस में न रहेंगी
तुम से मेरे दर्द की कहानी कहेंगी
सब्र इनका न टूटने पाए
कोई प्यार से इनको समझाए
जब मेरी जिंदगी मुझ से रूठ जाये
न रखना मुझ पर कोई एहसान
मिटा देना मेरा नामो निशान
परछाई को मेरी कोई दफनाये
कोई यादों को भी मेरी जलाये
जब मेरी जिंदगी मुझ से रूठ जाये
बस न हो मुस्कराहटों का रंग फीका
चाहत के फूलों का न मुरझाये बगीचा
चंद दिए आस के जगमगायें
कोई पलकों पर आंसू न लाये
जब मेरी जिंदगी मुझ से रूठ जाये
न रखना मुझ पर कोई एहसान मिटा देना मेरा नामोनिशान..... बहुत ही भावमयी और प्रेम मयी रचना ....
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeleteआपकी यह रचना कल मंगलवार (09-07-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteबहुत भावमयी रचना....
ReplyDeleteजब कोई हमारी जिन्दगी बन जाए तो उसका रूठना गवारा नहीं होता कभी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावमयी रचना
सब्र इनका न टूटने पाए
ReplyDeleteकोई प्यार से इनको समझाए '
......
बहुत खूब !
shukriya alpana ji..
Deleteमंजूषा जी, बहुत बहुत बधाई आपको, बहुत ही सुन्दरता से शब्दों का प्रयोग किया है, ऐसी रचना कभी कभी बनती है, आभार
ReplyDeleteयहाँ भी पधारे ,
रिश्तों का खोखलापन
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html
बेहतरीन..चाँद का वो दाग वाला हिस्सा टूट ही जाए तो अच्छा है...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियां व भावमयी रचना ...
ReplyDeleteदर्द को बयां करती ये पंक्तिया...ं
परछाई को मेरी कोई दफनाये
कोई यादों को भी मेरी जलाय....
बधाई
अरे क्यूँ रुठे ज़िन्दगी भला.....काश के हर पल मुस्कुराए....
ReplyDeleteसुन्दर भाव...
अनु
न रखना मुझ पर कोई एहसान
ReplyDeleteमिटा देना मेरा नामो निशान
परछाई को मेरी कोई दफनाये
कोई यादों को भी मेरी जलाये
जब मेरी जिंदगी मुझ से रूठ जाये ...
यादें कहां पीछा छोडती हैं ... जिंदगी रूठने पे तो बेहद सताती हैं ...
एहसास भरी रचना ...
सुन्दर...!!
ReplyDeletebhavo aur shabdo ka shandar samavesh-***
ReplyDeleteजब मेरी जिन्दगी मुझसे रूठ जाये
ReplyDeleteजीवन के अनकहे संदर्भों को व्यक्त करती
प्रेम और करुणा की सुंदर रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
आग्रह मेरे ब्लॉग में समल्लित हों
http://jyoti-khare.blogspot.in
सुन्दर पंक्तियां उम्दा भाव ..........न रखना मुझ पर कोई एहसान
ReplyDeleteमिटा देना मेरा नामो निशान
परछाई को मेरी कोई दफनाये
कोई यादों को भी मेरी जलाये
जब मेरी जिंदगी मुझ से रूठ जाये
बहुत भावमयी रचना...
ReplyDeleteकल 12/08/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
हार्दिक आभार यशवंत जी .....
Deleteसुन्दर भावमय रचना --मेरे ब्लॉग का भी फोलो करे ख़ुशी होगी
ReplyDeletelatest post नेताजी सुनिए !!!
latest post: भ्रष्टाचार और अपराध पोषित भारत!!
सुंदर रचना---बधाई
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in